सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

भिन्न और संख्याओं की जानकारी

  


      

www.possibilityplus.in 



नमस्कार दोस्तों मैं इस पोस्ट में बहुत अच्छी जानकारी देने जा रहा हूँ। इसमें आप भिन्न के बारे में A to Z जानकारी पाने वाले हैं। भिन्न के बारे में जानने से पहले हम संख्याओं के बारे में कुछ महत्वपूर्ण जानकारियों देख लेते हैं।





संख्याएं (Numbers)



संख्याओं को दर्शाने की कई प्रणालियाँ हैं। इन प्रणालियों में सबसे अधिक प्रचलित प्रणाली दाशमिक प्रणाली है जिसे हिन्दू-अरेबिक संख्याकन पद्धति भी कहते हैं। इस प्रणाली के अंतर्गत किसी संख्या को दर्शाने के लिए हम चिह्न/संकेतों (0, 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8 और 9) का उपयोग करते हैं जिन्हें अंक कहते हैं। इन्हीं दस अंकों का उपयोग हम किसी संख्या को दर्शाने के लिए करते हैं। इसलिए ये अंक बहुत प्रचलित हैं। 









संख्याओं के प्रकार









संख्याएँ निम्नलिखित प्रकार की होती हैं - 


प्राकृत संख्याएँ: वस्तुओं को गिनने के लिए जिन संख्याओं का प्रयोग किया जाता है, उन संख्याओं को गणन संख्याएँ या प्राकृत ‘संख्याएँ’ कहते हैं।
जैसे- 1, 2, 3, 4, 5, ………..

पूर्ण संख्याएँ: प्राकृत संख्याओं में शून्य को सम्मिलित करने पर जो संख्याएँ प्राप्त होती हैं उन्हें ‘पूर्ण संख्याएँ’ कहते हैं।
जैसे- 0, 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9 ………….

पूर्णांक संख्याएँ: प्राकृत संख्याओं में शून्य एवं ऋणात्मक संख्याओं को भी सम्मिलित करने पर जो संख्याएँ प्राप्त होती हैं, उन्हें ‘पूर्णांक संख्याएँ’ कहते हैं। यानी जिस संख्या में दशमलव न हो। 
जैसे- ……… -3, -2, -1, 0, 1, 2, 3, ……

सम संख्याएँ: वे संख्याएँ जो 2 से पूर्णतः विभाजित हो जाती हैं उन्हें ‘सम संख्याएँ’ कहते हैं। इस प्रकार 2, 4, 6, 8, 10…….. आदि ‘सम संख्याएँ’ हैं।

विषम संख्याएँ: वे संख्याएँ जो 2 से पूर्णतः विभाजित नहीं होती हैं उन्हें ‘विषम संख्याएँ कहते हैं।
जैसे- 1, 3, 5, 7, 9, 11, 13,  15…….. आदि ‘विषम संख्याएँ’ हैं।

अभाज्य संख्याएँ: वे संख्याएँ जो स्वयं और 1 के अतिरिक्त अन्य किसी भी संख्या से विभाजित नहीं हो उन्हें ‘अभाज्य संख्याएँ’ कहते हैं।

जैसे- 2, 3, 7, 11, 13, 17 ………. आदि ‘अभाज्य संख्याएँ’ हैं।  ‘1’  एक विशेष संख्या है जो न तो अभाज्य संख्या है और न ही भाज्य संख्या है। क्योंकि इसे हम कुछ  सम संख्याओं जैसे -  2, 4, 8, 10..... इत्यादि से भाजित (1 में पूरी तरह से भाग का जाना)  भाग किया जा सकता है। 

भाज्य संख्याएँ: वे संख्याएँ जो स्वयं और 1 के अतिरिक्त अन्य किसी संख्या से पूर्णतः विभाजित हो जाती है तो उसे भाज्य संख्या कहते हैं।
जैसे- 4, 6, 8, 9, 10, …………

परिमेय संख्याएँ: वे संख्याएँ जिन्हें p/q के रूप में लिखा जा सके ‘परिमेय संख्याएँ’ कहलाती हैं जहाँ p और q दोनों पूर्णांक हो लेकिन q कभी शून्य न हो। कहने का मतलब यह है कि हर वाली संख्या शून्य (zero)  नहीं होनी चाहिए। p/q में q हर है।  जैसे- 4, 3/4, 0 ……… आदि ‘परिमेय संख्याएँ’ हैं।

अपरिमेय संख्याएँ: वे संख्याएँ जिन्हें p/q के रूप में न लिखा जा सके अपरिमेय संख्याएँ कहलाती है। जहाँ p और q दोनों पूर्णांक हो लेकिन q कभी शून्य न हो। 
जैसे- number-system-f-h-10373.png…… आदि अपरिमेय संख्याएँ हैं।

वास्तविक संख्याएँ: वे संख्याएँ जो या तो परिमेय हैं अथवा अपरिमेय ‘वास्तविक संख्याएँ’ कहलाती हैं।
जैसे- 8, 6, 2 + number-system-f-h-10379.png, 3/5, …….. आदि वास्तविक संख्याएँ हैं।

सह-अभाज्य संख्याएँः ऐसी संख्याओं के जोड़े जिनके गुणनखण्डों में 1 के अतिरिक्त कोई भी उभयनिष्ठ गुणनखण्ड न हो उन्हें ‘सह-अभाज्य संख्याएँ’ कहते हैं। जैसे- 16, 21 में 1 के अतिरिक्त अन्य कोई उभयनिष्ठ गुणनखण्ड नहीं है।

युग्म-अभाज्य संख्याएँ: ऐसी अभाज्य संख्याएँ जिनके बीच का अंतर 2 हो ‘युग्म-अभाज्य संख्याएँ’ कहलाती हैं। जैसे- 11, 13 युग्म-अभाज्य संख्याएँ हैं।








भिन्न (Fractions)








यदि किसी संख्या को p/q के रूप में जहाँ p और q पूर्णांक हैं तथा q ≠ 0 लिखा जाये तो ऐसी संख्या को भिन्न कहते हैं। भिन्न में भाज्य को एक रेखा के उपर तथा भाजक को रेखा के नीचे लिखा जाता है, ऊपर की संख्या अर्थात भाज्य को अंश तथा नीचे की संख्या अर्थात भाजक को हर कहा जाता है। number-system-f-h-10385.pngआदि भिन्न के उदाहरण हैं जिसमें 1, 4 , 6 अंश तथा 3, 5, 7 हर हैं।







भिन्नों के प्रकार









उचित भिन्न: यदि भिन्न का अंश हर से कम हो, तो भिन्न को उचित भिन्न कहते हैं।
जैसे- number-system-f-h-10392.png …. इत्यादि।

अनुचित भिन्न: यदि भिन्न का अंश हर से बड़ा हो तो भिन्न को अनुचित भिन्न कहते हैं।
जैसे- number-system-f-h-10399.png …. इत्यादि।

मिश्र भिन्न: यदि भिन्न एक पूर्णांक तथा भिन्न से मिलकर बनी हो तो भिन्न को मिश्र भिन्न कहते हैं।
जैसे number-system-f-h-10405.png…… इत्यादि।

मिश्रित भिन्न: यदि अंश या हर या दोनों भिन्न हो, तो भिन्न को मिश्रित भिन्न कहते हैं।
जैसे- number-system-f-h-10411.png…… इत्यादि।

दशमलव भिन्न: वे भिन्न जिनके हर 10, 10² या 10³ इत्यादि हो, तो दशमलव भिन्न कहलाते हैं।
जैसे- number-system-f-h-10417.png……. इत्यादि।

वितत भिन्न: सामान्य तौर पर किसी भिन्न के हर या कभी-कभी अंश में किसी संख्या के जोड़ने या घटाने से बनने वाले भिन्न को वितत भिन्न कहते हैं।
जैसे- number-system-f-h-10423.png



भिन्नों की तुलना

यदि दी गई भिन्नों के हर समान हो, तो सबसे बड़े अंश वाली संख्या बड़ी होगी।

जैसे number-system-f-h-10429.png में number-system-f-h-10435.png

यदि दी गई भिन्नों के अंश समान हो, तो सबसे छोटे हर वाली संख्या बड़ी होगी।

जैसे- number-system-f-h-10443.png में number-system-f-h-10449.png

यदि दी गई भिन्नों में उनके अंशों और हरों का अंतर समान हो, तो सबसे छोटे अंश वाली संख्या सबसे बड़ी होगी, जबकि अंश हर से बड़ा है।

जैसे- number-system-f-h-10457.png में number-system-f-h-10463.png

यदि दी गई भिन्नों में उनके अंशों और हरों का अंतर समान हो, तो सबसे बड़े अंश वाली संख्या सबसे बड़ी होगी, जबकि अंश, हर से छोटा है।

जैसे- number-system-f-h-10470.png में number-system-f-h-10476.png







तिर्यक विधि द्वारा भिन्नों की तुलना








यह भिन्नों की तुलना के लिए एक संक्षिप्त विधि है। इस विधि के द्वारा हम सभी प्रकार के भिन्नों की तुलना कर सकते हैं। उदाहरणस्वरूप इस विधि द्वार 5/9 और 5/7 की तुलना इस प्रकार करेंगे।

                          number-system-f-h-10483.png


 यहाँ 36 बड़ी संख्या है अतः number-system-f-h-10489.png









विभाज्यता की जाँच (Divisibility Rules) 

  • कोई भी संख्या 2 से पूर्णतः विभाज्य होगी, जब उसका इकाई का अंक 0, 2, 4, 6, या 8 होगा।
  • कोई भी संख्या 3 से पूर्णतः विभाज्य होगी, जब उस संख्या के अंकों का योग 3 से पूर्णतः विभाज्य होगा।
  • कोई भी संख्या 4 से पूर्णतः विभाज्य होगी, जब उसके अन्तिम दो अंकों से बनी संख्या 4 से विभाजित हो या अन्तिम दोनों अंक शून्य हो।
  • कोई भी संख्या 5 से पूर्णतः विभाज्य होगी, जब उसका इकाई का अंक 0 या 5 होगा।
  • कोई भी संख्या 6 से पूर्णतः विभाज्य होगी, जब वह संख्या सम संख्या होगी और उसके अंको का योग 3 से विभाज्य हो।
  • कोई भी संख्या 7 से पूर्णतः विभाज्य होगी, यदि संख्या इकाई के अंक को दोगुना करके, संख्या के इकाई के अंक को हटाकर प्राप्त हुई संख्या से घटाने पर 7 गुणज मिलता है।
  • जब किसी संख्या का 6 बार, 12 बार, 18 बार …… पुनरावृति हुआ, तो वह संख्या 7 से पूर्णतः विभाज्य होगी।
  • जब किसी संख्या के अन्तिम तीन अंक शून्य हों अथवा अंतिम तीन अंकों से बनी संख्या 8 से पूर्णतया विभाजित हो, तो वह 8 से पूर्णतः विभाज्य होगी।
  • कोई भी संख्या 9 से पूर्णतः विभाज्य होगी, जब उस संख्या के अंकों का योग 9 से विभक्त होगा।
  • कोई भी संख्या 10 से पूर्णतः विभाज्य होगी, यदि उसका इकाई का अंक 0 हो।
  • यदि किसी संख्या के विषम स्थानों पर स्थित अंकों के योग तथा सम स्थानों के योग का अन्तर 0 या 11 का गुणज है, तो वह संख्या 11 पूर्णतया विभाज्य होगी।
  • यदि किसी संख्या की पुनरावृति सम में हुई हो, तो वह संख्या 11 से पूर्णतः विभाज्य होगी। जैसे-5555
  • यदि कोई संख्या 3 और 4 से विभाज्य है, तो वह 12 से पूर्णतः विभाज्य होगी।
  • यदि किसी संख्या के अंतिम दो अंकों से बनी संख्या 25 से विभाज्य है या अन्तिम दोनों अंक शून्य हैं, तो वह संख्या 25 से पूर्णतः विभाज्य होगी।   

टिप्पणियाँ

Popular Posts

दिशा पता करने के बेस्ट तरीके | दिशा कैसे पता करें

दु नियाँ के किसी भी कोने में जाओ आप हर जगह पर दिशा पता कर सकते हैं।  हमने यह आर्टिकल उपयोग करने के लिए बनाया है ऊम्मीद है आपके लिए उपयोगी साबित होगा। इस आर्टिकल को अन्त तक जरूर पढिएगा क्योंकि हमने इसमें लगभग सभी संभव तरिके बताएँ हैं जो आपको हर परिस्थितियों में दिशा पता करने के लिए काफी हो सकता है।     दिशा का पता करने से पहले हम दिशा के बारे कुछ अहम / आवश्यक जानकारी देने जा रहें हैं ताकि दिशा पता करना और आसान हो जाये |इसमे सबसे पहले जानतें हैं दिशा क्या है और इसका महत्व क्या है |    दिशा ( Direction  )  एक ऐसा मैप या साधन जो हमें उत्तर - दक्षिण , पूरब - पश्चिम , उपर - निचे और आगे - पीछे  इन सभी को प्रदर्शित करे दिशा कहलाता है | दिशा मुख्यतः चार प्रकार की हैं ( अगर उपर - निचे को छोड़दे तो ) लेकिन इनको अलग - अलग भागो  मैं बाँटे तो ये दश प्रकार की हो जाती  है | अगर हमें इन चारों के बीच की दिशाओं को बताना है तो चित्रानुसार बतायेंगे। जैसे हमें पश्चिम और उत्तर केे बीच की दिशा को बताना है तो हम उत्तर-पश्चिम  कहेेंगे। इसी तरह से बाकि सभी दिशाओं के बारे में हम कहेेंगे। घर बनाने

भिन्न का गुणा , भाग , जोड़ और घटना हल करना

ऊपर चित्र में एक वृत्त को तीन बराबर भागों में बाँटा गया है । अगर हम कहें कि इसमें से एक भाग किसी को दे दिया जाये तो कितना भाग बचेगा तो इसका जवाब है,  2/3  भाग जिसे शाब्दिक याा साधारण भाषा में  दो तिहाई   भाग कहेगें । इसी प्रकार ( एक बटा तीन ) 1 / 3 को एक तिहाई  कहेंगे।  चलिए अब जानते हैं इनको जोड़ने, घटाने, गुणा और भाग   करने के तरीीकों के बारे में पुरी जानकारी।                                  भिन्नों का जोड़ , घटाना , गुणा और भाग; इस पोस्ट में आपको सब सीखने को मिलेगा। अगर आपके पास कोई सवाल है भिन्नों को हल करने या किसी भी तरह की भिन्न हो तो हमें निचे दिए गए कमेंट बॉक्स में लिखकर भेज दें । भिन्न क्या है ? What is the Fraction ?     भिन्न एक आंशिक भाग होती है जो दो भागों से बनती है - अंश  हर  जैसे -     1 / 3 , जिसमें 1 अंश और 3 हर है । a / b में " a  " अंश और " b  " हर है। आज के दौर में बहुत - से लोग ऐसे हैं जो पढ़ - लिखकर भी भिन्न हल करना नहीं जानते हैं । इस कमी का आभास उन्हें तब होता है जब वो कोई काम करने लगते हैं और काम या कार्य में

फोन हमेशा क्यों व्यस्त बताता है.. ?

फोन हमेशा क्यों व्यस्त बताता है ?         मोबाइल फोन का इस्तेमाल आज इतना बढ़ गया है कि लगभग हर घर में यह अनिवार्यरूप से मिल ही जायेगा। इसका मुख्य कारण है भाग - दौड़ भरी जिंदगी। इसीलिए मोबाईल तो अनिवार्य रूप से आज के समय में चाहिए ही चाहिए। ऐसे में मोबाइल का से बात न हो पाना मोबाईल के उपयोग का मतलब ही नहीं रह जाता है  ।  अगर बार - बार यानी किसी  भी समय जब काॅल करते हैं और हर बार व्यस्त बता रहा है तो संभव है कि आपका नंबर ब्लाॅक  किया गया है। चलिए इसके बारे में जानते हैं कि विस्तार से ।  मोबाइल क्यों हमेशा व्यस्त बताता है इसके कई कारण होते हैं जो निम्नलिखित हैं -   नम्बर ब्लाॅक किया गया हो सकता है। नेटवर्किंग समस्या  नम्बर ब्लाॅक 🚫 होना क्या है ? मोबाइल नम्बर ब्लाॅक होने का मतलब यह है कि अगर आपका नम्बर किसी कारण से ब्लाॅक हो गया है या किसी ने जानबूझकर आपके नम्बर को ब्लॉक कर दिया है तो आप चाहे जितनी बार भी उस नम्बर पर कॉल  (  call  ) कर लो पर काॅल हमेशा व्यस्त  📞  ( Busy  ) ही बतायेगा। आपको फोन पे Ring ( घण्टी   ) बजते हुए सुनाई देगी पर जिस नम्बर पर आप फोन /
Disclaimer | Privacy Policy | About | Contact | Sitemap | Back To Top ↑
© 2017-2022 Possibilityplus