भाग कैसे करें ? How divide any number


भाग ( Division ) 

       भाग क्या है , यह इतना महत्वपूर्ण क्यों है, गणित में भाग का बड़ा योगदान है  । इसके बिना गणित की क्रिया करने के बारे में सोचा भी नहीं जा सकता है दरअसल भाग गणित की आधारभूत क्रियाओं में से एक । गणित की चार आधारभूत क्रियाएँ :  
  1. जोड़ ( Additions, Conjunction ) 
  2. घटना ( Diminis,  Substract ) 
  3. गुणा ( Multiplication, Multiplying  ) 
  4. भाग ( Division ,  Quotient) 


  भाग सीखना उतना ही कठिन होता है जितना ही हम इस पर ध्यान नहीं देते। दोस्तों भाग ही नहीं बल्कि कोई भी काम सीखना, समझना या पाना हमारे मन पर ज़्यादा निर्भर करता। अगर हम कोई भी काम पूरे मन से करें तो हमें सफल होने की संभावना ( possibility ) उतनी ही ज्यादा होती है।एक बात और है मन हमारी बात तभी सुनता है जब इसे किसी काम के को करने में अच्छा या महत्वपूर्ण लगे या फिर आवश्यकता पड़ी हो।  मन की सबसे बड़ी कमजोरी है उसकी लालच जो अच्छी या बुरी दोनों तरह की होती है। हमें इसी का फायदा उठाकर अपने काम को अंजाम देना चाहिए। मन और मस्तिष्क की जानकारी  यहाँ पढ़ सकते हैं। 



       

 

 भाग कैसे सीखें? 


  इस पोस्ट या  लेख का मुख्य उद्देश्य यह है कि जिसको भाग न आती हो उसको भाग करना आ जाये। जी हाँ दोस्तों हममें से ज्यादातर लोग ऐसे हैं कि जिनको भाग नहीं आती है मुझे आज भी वो दिन याद है जब मुझे भाग करना नहीं आता था तब मैं बहुत ग्लानि या बेइज्जती महसूस करता था । और फिर मैंने यह निर्णय किया कि मुझे भाग सीखना है तो सीखना है उसके बाद मैं हर प्रकार से सीखने में जुट गया और सीख कर ही दम लिया।  जब आप किसी काम को करते हो तो यह सब तो लगता ही है और जब आप भाग करना नहीं जानते हो तो यह कमी आपको बहुत खलती है। चलिए अब सीख लिजिए। दोस्तों हम इसमें ऐसे - ऐसे तरीके जानेंगे जिसकी सहायता से आप बहुत आसानी से भाग करना सीख जाओग वो भी बहुत कम समय में ।



दोस्तों भाग करना हो या कोई काम जब हमारा मन उस काम को करने को राजी ना हो तो हम वो काम नियमों को जानते हुए भी नहीं कर पाते हैं। कहने को सभी कहते हैं कि इस नियम से यह करो और उस नियम से वो करो मगर यह कोई नहीं बताता या बताना नहीं चाहता  या फिर जानता ही नहीं कि हम क्या करें कि हमारा मन और मस्तिष्क दोनों उस काम को करने के लिए तैयार हो जाये। जब हमारे मन को कोई काम या वस्तु अच्छी लगने लगती है तो हम उस काम को हर संभव तरह से करने लगते हैं। हम इस पोस्ट में कुछ ऐसे तरीकों के बारे में जानेंगे जो हमे उत्साहित करेगा भाग को सीखने और समझने में। यह इस प्रकार हैं -

  • भाग की मदत से हम किसी भी महीने में किसी भी तारीख के दिनों की गणना कर सकते हैं। माना हमें सन् 2017 के किसी महिने में किसी तारीख को दिन पता करना है वो भी बिना कैलेण्डर या मोबाइल के तब कैसे करोगे । ज्यादा जानकारी के लिए दिन पता करें बिना कलेंडर के पढें। 
  • भाग की मदत से ऐसे सवालों के हल निकाल सकते हैं जिसका अभी तक आपको पता नहीं है। जैसे -  क दूना 9,  क आठे 1, क आठे 12 (  बारह  ),  क दूना 0 ( शून्य  )  इस प्रकार के किसी भी सवाल  को‌ हल कर सकते हैं।


भाग के मुख्य अंग 


 सबसे पहले हम भाग में उपयोग होने वाले शब्दों का अर्थ जान लेते हैं जिसे हम भाग के मुख्य अंग कह सकते हैं।
भाग के मुख्य अंग निम्नलिखित हैं -

  •  भाजक 

  • भाज्य 

  • भागफल 

  • शेषफल 

   


   

  

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 बीजगणितीय संख्याओं में भाग कैसे करें ? 

 अवकलन और समाकलन कैसे करते हैं ? 




भाजक ( Divider ) 

   वह संख्या जिससे किसी संख्या में भाग दी जाती है भाजक कहलाती है ।  जैसे -   6 / 2 में  भाजक है। 





  भाज्य ( Divisible ) 

  वह संख्या जिसमें किसी संख्या से भाग दी जाती है भाज्य  कहलाती है।  जैसे -   6 / 2 में  6 भाज्य  है।



 भागफल ( Quotient )     

                                         किसी संख्या में भाग जितनी बार जाती है वही संख्या भागफल कहलाती है।  जैसे -   6 / 2 = 3, में 3 भागफल है।






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   घातांक का मान कब शून्य होता है ? 


 




शेषफल ( Remnant ) 

वह संख्या जो भागफल से प्राप्त मान को भाज्य वाली संख्या 
में से घटाने के बाद भाग बचता है शेषफल कहलाती है। 
निचे चित्र में देखिए -  


भाग करने का चित्र


 भाग के नियम 



भाग के कुछ नियम हैं जिनकी सहायता से हम भाग करते हैं। इसे ध्यान से पढिये । भाग के निम्नलिखित नियम हैं -
  • भाजक से भाज्य में ऐसे भाग करते हैं कि प्राप्त होने वाली संख्या भाज्य   से  पूरा कट  जाये। अगर ऐसा नहीं है तो भाजक से इतना बार गुणा करें कि प्राप्त संख्या भाजक से थोड़ा कम हो लेकिन ज्यादा न हो। 
  • फिर इस प्राप्त संख्या को भाज्य से घटा लेते हैं। 
  • जो शेष बचता है फिर उसमें पहले की भाँति भाग करते हैं। 
  • और फिर पहले की तरह भाज्य से घटा लेते हैं। 
  • यही क्रिया बार - बार करते हैं जबतक कि शेषफल शुन्य न हो जाए। 
  • पर कुछ ऐसी भाग हैं जिनका शेषफल शुन्य नहीं होता है। जैसे -  1 / 3,  2 / 3,  7 / 6 इत्यादि। ये अपवाद हैं क्योंकि इनका शेषफल शुन्य नहीं होता है। इस तरह की भाग को उचित भिन्न भी कहते हैं। 


विशेष नियम : जब भाजक ( a/b, a<b )  बड़ा हो भाज्य से,

  • जब भाजक बड़ा हो भाज्य से या फिर जब भाग एक ( 1 ) से कम बार जाने वाली होती है तो तब भाग पहले शून्य बार जायेगी ।   इसके बाद ही भाग को पूरी तरह से हल किया या काटी जा सकती है । जैसे 1/2, 4/5, 10/11, 120/121 इत्यादि। 


भाग करने के तरीके  

सबसे पहले हम यह जान लेते हैं कि भाग मुख्यरूप से कितने प्रकार की होती हैं।भाग मुख्यरूप से तीन प्रकार की होती है -

  1. पूर्ण रूप से विभाजित होने वाली भाग या पूर्ण भागफल वाली भाग ।                                                                     जैसे -         12 / 3 = 4                                                               412 / 4 = 103                                                        144 / 12 = 12                                                इत्यादि। इनमें 4, 103, 12  पूर्ण भागफल / भजनफल है। 
  2. दशमलव  भागफल / भजनफल वाली भाग।     जैसे -        13 / 4 = 3.25                                                            41 / 2 = 20.5                                                           3 / 2 = 1.5                                        इत्यादि। इसमें 3.25,  20.5,  1.5  दशमलव भागफल / भजनफल है। 
  3. दशमलव पर अपूर्ण  भागफल / भजनफल वाली भाग। जैसे -        2 / 3  = 0.6667,                                                         1 / 3 = 0.3334                                                         7 / 6 = 1.16667                                      इसमें 0.6667, 0.3334 और  1.16667 अपूर्ण  भागफल / भजनफल वाली भाग है। 

     


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     4 - 4 / 2. = ? 

          


चलिए देखते हैं भाग करने के सरल तरीके -

1.पूर्ण रूप से विभाजित होने वाली भाग : 

सबसे पहले हम एक अंक वाली संख्याओं से भाग करना सीखेंगे। जैसे -  1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8,9  और एक संख्या है जिसका नाम है शून्य ( zero) यानि " 0 "  शून्य एक ऐसी संख्या है जिससे किसी भी संख्या में भाग करना एक अनसुलझी या  रहस्यमयी बात है। लेकिन मैं आपको यह बता दूंँ कि मैं आपको शून्य से भाग करने के बारे में भी बताउंगा पर तब तक आप भाग करना सीख लें। अगर आप भाग करना जानते हैं तो आप यह आर्टिकल शून्य से शून्य में भाग करना पढ़ सकते हैं।
    
उदाहरण :             6 / 2 = ? 

         हमे  में 2 भाग करने के लिए बस इतना करना है कि 2 का गुणा / पहाड़ा इतनी बार पढ़ना है कि 6 आ जाये। 2 (दो ) का पहाड़ा 3 ( तीन  )  बार पढ़ने पर 6 आ जाता है। अतः 6 / 2 = 3  होगा।

                                    या

माना हमे   1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8,9 में से किसी एक संख्या से किसी अन्य संख्या में भाग करना है। चलो मानलो कि 2 से  में भाग देना / करना है। चूँकि संख्या 6 को 2 से भाग करना है। तो संख्या  6 को  2 ( दो ) बराबर भागों में विभाजित करना होगा ।
इसलिए  संख्या  6 के दो बराबर भाग = 3 + 3     
अतः 6 / 2 = 3 
                                     



अगर  से संख्या  6 में भाग करना है तो  संख्या  6 को   बराबर भागों में विभाजित / बाँटना होगा। तब  संख्या  6 के 3 ( तीन  )
बराबर भाग = 2 + 2 + 2 होगा।
अतः   से संख्या  6 में भाग या  6 / 3 = 2 

माना तीन लड़के हैं और छः ( 6 )  आम चित्रानुसार है

 अगर तीनों लड़कों में बराबर बाँटना है तो बताओ कितने -  कितने आम तीनों को मिलेगा। दो - दो आम तीनों को मिलेगा।

2. दशमलव  भागफल वाली भाग :  

इस प्रकार की भाग करना सबको समझ में नहीं आता क्योंकि दशमलव वाली भाग थोड़ा अलग होती है। अगर आपको दशमलव की भाग नहीं समझ में आती है तो कोई बात नहीं  अब आपको आ जायेगी। तो चलिए शुरू करते हैं दशमलव वाली भाग।






    उदाहरण :  

7 ÷ 2 को हल किजिये। 

  हल :  


हम जानते हैं कि भाजक से भाज्य में जब भाग करते हैं तो यह देखते हैं कि भाजक का गुणनफल भाज्य से अधिक ना हो। यहाँ पर 7  में  2 से भाग पहले 3 बार जाती है फिर 0.5 बार तो भागफल का कुल योग = 3.5


इसको हम कई विधियों से हल या सरल करेंगे। इसमें मैं एक ऐसी विधि का उजागर  करने जा रहा हूँ जो आपको समझने में इतना कारगर होगा कि आप कह देंगे कि हाँ भाई ये सही है। इसको प्राथमिक विधि कह सकते हैं।  चलिए देखते हैं इस विधि को। निचे दिये भाग को देखिए - 
विस्तारपूर्वक भाग कखग रने का तरीका।



इस विधि में हमे बस इतना करना है कि जितनी बार हम भाग को आसानी से काट सके काट लें। जैसा कि ऊपर आप देख सकते हैं कि हमने एक -  एक बार ही भाग दिया है । इस तरह भागफल 3.5 आता है। यह विधि कोई नयी नहीं है। इस विधि इस पोस्ट में शामिल करने का सिर्फ एक मकसद है और वह यह कि आप सभी को किसी भी तरह से भाग समझ में आ जाये । 

तो कैसी लगी यह जानकारी भरा आर्टिकल हमसे जरूर बताएं / शेयर करें ।



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23 टिप्पणियाँ

  1. 923÷4को भाग देने के समय हम आखिरी में जब 3 उतरते हैं तो 0 भागफल में क्यों उतरते हैं फिर दशमलव लगते हैं इसका सटीक नियम बतायें

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    उत्तर
    1. सबसे पहले आपको धन्यवाद कमेंट करने के लिए,
      यह सवाल बहुत आवश्यक और जरूरी है।
      923 में 4 से भाग देते समय 3 बचता है जो कि 4 से छोटा है। अतः स्पष्ट है कि भाग 1 बार नहीं जायेगी। तब यह भाग 0 बार जाती है। इसके बारे में ज्यादा जानकारी के लिए इस लिंक पर क्लिक करें - https://youtu.be/2HWpTiNDkd8

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    2. lekin har baar 0 nahin badhya jata kyon 923÷4 karne par sheshfal 3 aata hai jo ki4 se kam hai man liya lekin aur dusre question mein 25÷4 mein 1 shesh bacta haito yaha par bhi bhag fal mein 0 badaenge ...to bhagfal 60 ayega jo ki galat satik niyam batane ki kripa kare

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    3. उत्तर वाली जगह पर प्रश्न करने के लिए क्षमा प्रार्थी हूं,


      कृपया 81÷4 का हल बताएं

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    4. कमेंट करने के लिए आपका धन्यवाद।
      भाग सबसे आसान नियम यह है कि जब हम किसी भी संख्या में भाग करते हैं तो हमें यह देखना होता है कि हम किस संख्या भाजक में गुणा करें कि भाज्य वाली संख्या घटाने पर कट जाए या फिर भाज्य से कम रहे। इस तरह से 81 में 4 से भाग करने के लिए अगर हम 20 बार भाग लेकर जाएँ तो सिर्फ 1 शेषफल बचेगा। फिर इसी तरह से 4 का ऐसी संख्या में गुणा करके चेक करना है कि किससे कटेगा या भाग कितनी बार जायेगी। यहाँ पर 0.25 बार भाग जायेगी और कोई शेषफल नहीं बचेगा। इस तरह कुल भागफल 20.25 होगा।
      क्या यह हिंट उपयोगी था आपके लिए हमें जरूर बतायें।

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    5. 0.25 बार भाग करना समझ नहीं आया कृपया विस्तार से समझाएं

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    6. निचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें विडियो में विस्तार से जानकारी दी गई है। https://youtu.be/2HWpTiNDkd8

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  2. उत्तर
    1. 300/7.5 ke ansh aur har me 2 ka guna karne par 600/15 ho jayega. Ab bhag karne par 40 Answer ayega. Bhag ko sikhne ke liye. PossibilityPlus youtube channel par dekh sakte hain. Aur koi bhi sawal ho to comments jaroor karna. Thanks for comment.

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  3. आपका प्रश्न शार्थक है। पुरी जानकारी जानने के लिए इस 👇 लिंक पर क्लिक करें।
    https://www.possibilityplus.in/2019/12/by-possibilityplusin.html?m=1

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  4. उत्तर
    1. दरअसल जब हम 2020 में 20 से भाग पहली बार करते हैं तो भाग 1 बार जाती है और शेष 0 बचता है। फिर 20 को हम एकसाथ जब भाग देने के लिए उतारते हैं तब 0 लगाया जाता है साधारण शब्दों में कह सकते हैं। फिर अंत में 1 बार भाग जाती है। अतः भाग 101 बार भाग जाती है। इसकी विडियो निचे दिया गया है। https://youtu.be/2HWpTiNDkd8

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  5. 4)235(
    Yaha ekai se bhag kyo nahi start kiya jata h,means ekai me pahle 5 hai kyo 2 se start karte h

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    उत्तर
    1. Jab ham kisi bhi wastu ko divide karte hain to sabse pahale uske bare hisse ko hi divide kiya jata hai isiliye aisa hota hai. Jaise agar hame 101 ko do barabar bhagon me divide karna hai to sabse pahle 100 ko batenge Phir last me 1 ko. Kya apko hamara Yeh example helpfull laga?
      Comment now.
      Thanks for reading..

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