कोरोना वायरस के लक्षण और बचाव के सही तरीके




  कोरोना वायरस आज भारत ही नहीं बल्कि दुनिया के अनेक देशों के लिए काल साबित हो रहा है और इसलिए इसे महामारी घोषित कर दिया गया है। हम सभी यह बात जानते होंगें कि यह वायरस चीन ( चाइना ) से 2019 में फैला था और आज यानी 2021 में यह और भी ज्यादा खतरनाक हो गया है क्योंकि  अब यह हवा के माध्यम से भी फैल रहा है। दरअसल यह वायरस अब हवा में अधिक से अधिक समय में जिंदा रहने में सक्षम हो गया जिसके कारण लगभग पुरे भारत में हाहाकार मचा हुआ है। 




कोरोना वायरस के लक्षण 

 इस वायरस के लक्षण शुरुआत में ऐसे हैं कि मनुष्य को पता ही नहीं चल पाता है कि यह सामान्य सर्दी-जुकाम तथा बुखार है या कोरोना संक्रमण है पर जब यह अधिक परेशान करे या न भी परेशान करे तो भी हमें डॉक्टर से चेक या टेस्ट जरूर करवा लेना चाहिए क्योंकि इस बिमारी के लक्षण शर्दी, खाँसी, जुखाम और सांस  फूलना है। इसलिए शर्दी, खाँसी, जुखाम और सांस फूलने में से कोई भी समस्या हो तो डॉक्टर से जरूर संपर्क करना चाहिए। इसमें सबसे बड़ी बात यह है कि हमें घबराना नहीं है बल्कि अपनेआप को मोटिवेट करना है।
   मोटिवेशन या योग एक ऐसा उपाय है जो हमें हर प्रकार की विपत्ति या फिर बिमारियों में बहुत मदत करता है । कैसे करना है इसके बारे में हम आगे इस पोस्ट में पढ़ेगें। 


  इतनी तेजी से कैसे फैल रहा है यह वायरस 

        क्या आपको पता है कि यह वायरस क्यों इतनी तेजी से फैल रहा है। इसका कारण आपको हैरानी होगी। कोरोना वायरस की हवा में फैलने की बात 2020 में कई गई थी पर तब यह वायरस उतना खतरनाक शायद नहीं था पर अब 2021 में वाकई में यह वायरस हवा के माध्यम से फैल रहा है और इसीलिए हमारे भारत में भयंकर मामले मिल रहे हैं। अब इस वायरस के हवा में फैलने के तर्क सामान्य भाषा में समझीए। दरअसल अब यह वायरस इतना सक्षम हो गया है कि हवा में अधिक से अधिक समय तक जिंदा रहता है जिससे और ज्यादा संभावना ( Possibility ) हो जाती है इसके फैलने में। मान लीजिए कोई कोरोना से पीड़ित व्यक्ति / महिला जब किसी भी स्थान पर छिंकता या खांसता है तो कुछ न कुछ वायरस उसके मुँह या नाक के माध्यम से बाहर उस स्थान की वायु में स्थापित हो जाते हैं और जब कोई दूसरा व्यक्ति या महिला या कोई भी उस स्थान से होकर गुजरता है और बिना मास्क के रहता है तो बहुत ज्यादा संभावना होती है कि यह वायरस जो हवा में था वह अब उसके नाक के जरिए फेफड़ों में चला जाता है जिससे व्यक्ति बहुत जल्दी वायरस का शिकार होने लगता है। 


उपचार / बचाव के तरीके 

 उपचार की बात करें तो इसका दवा के जरिए कोई पक्का पचार अभी तक संभव नहीं हुआ है और इसीलिए बचाव ही इसका सबसे बड़ा उपचार और उपाय है। अब हमें यह जानना है कि अपना बचाव या उपचार कैसे करना है। उपचार के निम्नलिखित उपाय सबसे ज्यादा कारगर होगें - 
  1. अगर किसी की रिपोर्ट कोरोना पाॅजिटिव आए तो उसे कोई सामान्य बिमारी बता दें। 
  2. इसके बाद उसे घरेलू उपाय की सलाह इस डर के साथ दें कि अगर वह यह उपाय नहीं करेगा तो उसे कोरोना हो सकता है। 
  3. अगर किसी को यह पता चल गया है कि उसे कोरोना हो चुका है तो उसे यह समझना चाहिए कि हर कोरोना मरिज को डरने की जरूरत नहीं होती है। 
  4. इससे बचने के लिए हमें ज्यादा से ज्यादा खट्टी वस्तुओं का सेवन बहुत कारगर साबित हो रहा है। 
  5. मीठी वस्तुओं का सेवन बहुत कम करें।


  सावधानियाँ 


दुनियाँभर के डाॅक्टर और वैज्ञानिक इस बिमारी की दवा 💊 को खोजने में लगे हुए हैं परंतु उन्हें कोई सफलता नहीं मिली है परंतु कुछ ऐसे कारणों का पता चला है जिनसे इस बिमारी से बचा जा सकता है जो निम्नलिखित हैं -
  1. अपनेआप को हर अन्जान या संक्रमित व्यक्ति, महिला/बच्चों से कम से कम 2मीटर की दूरी पर रखें।
  2. भीड़ - भाड़ वाले क्षेत्रों में कम से कम जाएँ 
  3.  हर किसे से हाथ मिलाने से बचें। 
  4. जब बहुत आवश्यक हो तो ही घर से बाहर निकलें। 
  5. घर से बाहर जाते समय मास्क जरूर लगायें।
  6. अगर मास्क ना हो तो रुमाल या अन्य साप - सूथरे कपड़े से मुँह और नाक को ढक लें।
  7. कोई भी खाने वाली वस्तुओं को छुने या खाने से पहले कम से कम 20 सेकेंड तक हाथों को साबुन या सेनेटाइजर से धोंएँ।
  8. कोरोना वायरस कम स्वास्थ्य वालों को आसानी से चपेट में लेता है चाहे आपकी उम्र कुछ भी हो इससे फर्क नहीं पड़ता है। 




 

सावधानियों के स्पष्टीकरण 

  कोरोना की बिमारी छींकने से अत्यंत तिव्र गति से फैलती है। अगर आपका सवाल है कि कैसे ? तो इसका बड़ा सिधा जवाब है कि जब कोई संक्रमित व्यक्ति ( चाहे वो कोई भी हो ) छींकता है तो उसके शरीर के अंदर मौजूद कुछ वायरस बाहर आ जाते हैं और यह छींक 🤧 जहाँ पड़ती है वायरस वहीं पर स्थान्तरित हो जाता है। 
इसीलिए हम सभी अगर 1से 1.5 मीटर नहीं बल्कि 2 मीटर की दूरी बनाये रखें तो बहुत ही ज्यादा सुरक्षित होगा। क्योंकि छींक 1 से 1.5 मीटर तक जा सकती है। दूसरी बात अगर हम मास्क लगाएँ हैं तो यह छींक 1 मीटर भी नहीं पहुंच सकती है। इस तरह ये दोनो तरिके बहुत हद तक इस वायरस को फैलने से रोकते हैं। इसी तरह हाथों को 20 सेकेंड तक धोने की सलाह दी जा रही है क्योंकि अगर मान लिया जाने - अनजाने कोरोना वायरस आपके हाथों पर पहुंच जाता है तो इसको धोना पड़ेगा। 



 कोरोना होने पर क्या करना चाहिए ? 

    कोरोना हो या ना हो हमें सबसे पहले ऊपर 👆 बताई गई सावधानियों का पालन करना ही है। अगर हमें हमारा चेकअप कराने के बाद कोरोना पाजीटीव आता है तो  इसका मतलब यह नहीं है कि हम ठीक नहीं हो सकते हैं बिल्कुल ठीक हो सकते हैं। हमारे ठीक होने की संभावना उतनी ही ज्यादा होगी जितना हम अपने आप को या किसी अन्य को जिसे यह बिमारी हुई हो यह विश्वास दिला पायें कि हम जल्द ही ठीक हो जायेंगे। हम अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता दो मुख्य तरीके से बढ़ा सकते हैं। 

         भौतिक साधन द्वारा 

 भौतिक साधनों में हमें संतरे या खट्टी खाद्य पदार्थों को खाने से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है जिससे किसी भी रोग से लड़ने में मदत मिलती है और बिमारी जल्द से जल्द दूर होती है। इसके अलावा हरी शब्जियों का सेवन भी बहुत फायदेमंद होता है। यही नहीं अगर दूध, सेब, पपीता मिले तो फिर क्या बात है, इन सभी मेें अनेक प्रकार की विटामिन पर्याप्त माात्रा में मिलती हैं। 

  मनोबल/योग द्वारा 

     यह तरीका दूसरे नम्बर पर भले ही है पर यह हमें हर समय हर जगह मिल सकता है। कहते हैं
  'मन के हारे हार है और मन जीते जीत है।' 





यह लाईन या पंक्ति यूँही नहीं है इसमें बड़ा ज्ञान है। 
इसका अर्थ यह है कि अगर हम किसी भी काम को मन में जीत लें तो समझिए हमने आधी से ज्यादा जीत पक्की कर ली है। हमें किसी भी रोग में यह अनुभव करना है कि हमें अच्छा महसूस हो रहा है, हम / मैं पहले से ज्यादा ठीक महसूस कर रहे हैं। इसको हम जितनी गहराई तक महसूस करेंगे हमारे ठीक होने की उतनी  ही ज्यादा संभावना होगी ।
    अगर आप 60 वर्ष से ऊपर के हैं तो भी कोई बात नहीं क्योंकि आपको बस यह सोंच की मैं बहुत अच्छा महसूस कर रहा हूं को अत्यंत गहराई तक महसूस करना है। फर्क आपके / हमारे महसूस करने पर निर्भर करता है जितना ज्यादा फील या अनुभव करेंगे उतना ही अधिक सकारात्मक परिणाम मिलेगा, पर इसका मतलब यह नहीं है कि आपको पता हो कि आपको कोरोना हुआ है और हम घर पर बैठकर ये सब करने लगे । यहां पर मेरे कहने का मतलब यह है कि आपको आपके इलाज के समय ऐसा करना चाहिए।  चलिए इसको साधारण शब्दों में समझते हैं। हम जब स्वस्थ होते हैं तब हमें अच्छा लगता है या महसूस होता है। इसका मतलब यह है कि अगर हम किसी भी तरीके से अच्छा महसूस करने लगे तो हम स्वस्थ होने लगते हैं। चाहे तरिका कोई भी हो अच्छा महसूस करने के लिए इससे फर्क नहीं पड़ता है। ये बातें भलें ही बहुत कठिन हों पर असंभव नहीं है। प्रयास ही कठीनता को कम और सफलता को बढ़ाता है।
 

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