सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

शेष परिधि पर बना कोण केन्द्र पर बने कोण का आधा क्यों होता है ? ( Why is the angle at the rest of the circumference half of the angle at the centre?)

क्या आपको पता है कि शेष परिधि पर बना कोण केन्द्र पर बने कोण का आधा क्यों होता है ?
हम इस पोस्ट में इसी के बारे में बहुत ही अच्छी तरह से समझने की कोशिश करने वाले हैं। हमने पुरा प्रयास किया है की आसानी से समझ में आ जाए।दरअसल बात यह है कि जबतक गणित को बारिकी से न नमझा जाय तो यह बहुत ही कठीन विषय लगने लगता है। इसीलिए हमने इस प्रश्न को एकदम सरल उदाहरणों से समझाने की कोशिश की है। आइए आगे पढ़ते हैं >>

 
 
जैसा कि हम ऊपर दिए गए चित्र में देख रहे हैं कि AB चाप द्वारा केन्द्र O पर 2x° कोण बनाया गया है और इसी चाप के द्वारा परिधि के एक बिन्दु P पर x° का कोण बन रहा है जो कि केन्द्र ओ पर बने कोण का आधा है। ऐसा नहीं है कि यह सिर्फ  किसी निश्चित बिन्दुओं पर होता बल्कि चाप AB के बिच छोड़कर कहीं भी किसी भी बिन्दु पर कोण बनायेंगे तो हर बार AB चाप द्वारा शेष परिधि पर बना कोण केन्द्र पर बने कोण का आधा ही होगा। कैसे?, क्यों? 
इन्ही सभी सवालों का जवाब हम एकदम सरल शब्दों में जानने की कोशिश करेगें। आइए आगे पढ़ते हैं >>

शेष परिधि पर बना कोण केन्द्र पर बने कोण का आधा इसलिए होता है 

        हम जानते हैं कि किसी भी चाप द्वारा जो भी कोण केन्द्र पर बनाया जाता है वह दो समान रेखाओं यानी त्रिज्याओ द्वारा ही बनाया जाता है। इसके दूसरी तरफ उसी चाप द्वारा शेष परिधि पर बनाया गया कोण व्यास द्वारा बनाया जाता है जो कि त्रिज्या का दोगुना होता है। निचे दिए गए चित्र को देखिए - 


हम देख सकते हैं कि इस चित्र में चाप AB द्वारा केन्द्र O पर 2X° कोण बनाया गया है और इसी चाप AB द्वारा शेष परिधि के बिन्दु C पर X° बनाया गया है। चित्र में हम देख सकते हैं कि 

FO = AO = BO = CO या OC 

सब एकदूसरे के बराबर हैं क्योंकि ये सभी वृत O की त्रिज्याएँ हैं। हम जानते हैं कि किसी भी वृत्त की सभी त्रिज्याएँ आपस में एकदम बराबर होती हैं। 
             चित्र में हम आसानी से देख सकते हैं कि केन्द्र O से होती हुई एक रेखा FC खींची गयी है जो दो त्रिज्याओ के बराबर है या त्रिज्या का दोगुना है। थोड़ा सा ध्यान से देखिए कि जब त्रिज्या द्वारा अथवा चाप AB द्वारा हम 2X° कोण बनाते हैं तो अगर त्रिज्या के दूने से जहाँ कहीं भी मतलब वृत्त के किसी भी बिन्दु पर (  उस चाप के मध्य नहीं होना चाहिए यानी इस उदाहरण में चाप AB के मध्य नहीं होना चाहिए) बने वह हमेशा केन्द्र पर बने कोण का आधा ही होगा क्योंकि शेष परिधि पर बना कोण केन्द्र पर बने कोण से दोगनी दूरी से बनाया जाता है। अगर आप सीधी दूरी लेते हैं तो आपको FC लेगें या आप AO या BO को लेते हैं तो हम देखते हैं C बिन्दु तक जानेके लिए OC लेना पड़ेगा। इन दोनो दूरियों को जोड़ें 

तो   FC = AO + OC = BO + OC   होगा। 

अतः स्पष्ट है कि किसी भी वृत्त में केन्द्र पर बनाया गया हर कोण उसी चाप द्वारा शेष परिधि पर बनाये गये कोण का दूना इसलिए होता है क्योंकि शेष परिधि पर बना कोण केन्द्र पर बने कोण से दूगुनी दूरी पर होता है।

 दरअसल बात यह है कि जब कोई भी कोण किसी चाप द्वारा केन्द्र बनाया जाता है तो वह उसी चाप द्वारा शेष परिधि पर बनाये गये कोण से आधी दूरी पर होता है इसलिए केन्द्र पर बने कोण का हमेशा शेष परिधि पर बने कोण का दूना ही होगा। 

इसको और बेहतर तरिके से समझने के लिए चाप के मध्य से केंद्र O तक एक सीधी रेखा OE खीचकर मिला देगें। इसके बाद इस रेखा को दो बराबर ( OD और DE ) भागों में विभाजित कर देगें। निचे दिए गए चित्र को देखिए - 

 



अब इस रेखा OE के मध्य बिन्दु D पर चाप AC  द्वारा एक कोण बनायेंगे जो केन्द्र O पर बने कोण का दूना होगा क्योंकि यह कोण जिस बिन्दु पर बना है वह केन्द्र O की तुलना में आधी दूरी पर है। 
तो कुल मिलाकर देखें तो जो कोण जितनी कम दूरी पर बनेगा उसका कोण उतना ही अधिक होगा और जो कोण जितनी ही अधिक दूरी पर होगा उसका मान उतना ही कम होगा। चित्र में हम स्पष्ट देख रहे हैं कि OE, DE की तुलना में दोगुना दूरी पर स्थित है। इसलिए O बिन्दु पर बना कोण ( 45°) DE ( 90°) का आधा  है। ठीक इसी प्रकार अगर बिन्दु B की बात करें तोम OE से दूगुनी दूरी BC पर है। इसलिए C बिन्दु पर बना कोण केन्द्र O का आधा 22.5° है। अगर C बिन्दु पर बने कोण की तुलना D बिन्दु पर बने कोण से किया जाए तो हम देख रहे हैं कि D बिन्दु पर बना कोण 90°है जो बिन्दु B पर बने कोण 22.5° का चारगुना है क्योंकि बिन्दु D बिन्दु B से चारगुना कम दूरी पर है।

तो उम्मीद है कि आपको यह जानकारी समझ में आ गयी होगी। अगर आपका कोई सवाल या सुझाव हो तो हमें अभी कमेंट करें धन्यवाद। 

टिप्पणियाँ

Popular Posts

दिशा पता करने के बेस्ट तरीके | दिशा कैसे पता करें

दु नियाँ के किसी भी कोने में जाओ आप हर जगह पर दिशा पता कर सकते हैं।  हमने यह आर्टिकल उपयोग करने के लिए बनाया है ऊम्मीद है आपके लिए उपयोगी साबित होगा। इस आर्टिकल को अन्त तक जरूर पढिएगा क्योंकि हमने इसमें लगभग सभी संभव तरिके बताएँ हैं जो आपको हर परिस्थितियों में दिशा पता करने के लिए काफी हो सकता है।     दिशा का पता करने से पहले हम दिशा के बारे कुछ अहम / आवश्यक जानकारी देने जा रहें हैं ताकि दिशा पता करना और आसान हो जाये |इसमे सबसे पहले जानतें हैं दिशा क्या है और इसका महत्व क्या है |    दिशा ( Direction  )  एक ऐसा मैप या साधन जो हमें उत्तर - दक्षिण , पूरब - पश्चिम , उपर - निचे और आगे - पीछे  इन सभी को प्रदर्शित करे दिशा कहलाता है | दिशा मुख्यतः चार प्रकार की हैं ( अगर उपर - निचे को छोड़दे तो ) लेकिन इनको अलग - अलग भागो  मैं बाँटे तो ये दश प्रकार की हो जाती  है | अगर हमें इन चारों के बीच की दिशाओं को बताना है तो चित्रानुसार बतायेंगे। जैसे हमें पश्चिम और उत्तर केे बीच की दिशा को बताना है तो हम उत्तर-पश्चिम  कहेेंगे। इसी तरह से बाकि सभी दिशाओं के बारे में हम कहेेंगे। घर बन

भिन्न का गुणा , भाग , जोड़ और घटना हल करना

ऊपर चित्र में एक वृत्त को तीन बराबर भागों में बाँटा गया है । अगर हम कहें कि इसमें से एक भाग किसी को दे दिया जाये तो कितना भाग बचेगा तो इसका जवाब है,  2/3  भाग जिसे शाब्दिक याा साधारण भाषा में  दो तिहाई   भाग कहेगें । इसी प्रकार ( एक बटा तीन ) 1 / 3 को एक तिहाई  कहेंगे।  चलिए अब जानते हैं इनको जोड़ने, घटाने, गुणा और भाग   करने के तरीीकों के बारे में पुरी जानकारी।                                  भिन्नों का जोड़ , घटाना , गुणा और भाग; इस पोस्ट में आपको सब सीखने को मिलेगा। अगर आपके पास कोई सवाल है भिन्नों को हल करने या किसी भी तरह की भिन्न हो तो हमें निचे दिए गए कमेंट बॉक्स में लिखकर भेज दें । भिन्न क्या है ? What is the Fraction ?     भिन्न एक आंशिक भाग होती है जो दो भागों से बनती है - अंश  हर  जैसे -     1 / 3 , जिसमें 1 अंश और 3 हर है । a / b में " a  " अंश और " b  " हर है। आज के दौर में बहुत - से लोग ऐसे हैं जो पढ़ - लिखकर भी भिन्न हल करना नहीं जानते हैं । इस कमी का आभास उन्हें तब होता है जब वो कोई काम करने लगते हैं और काम या कार्य में

फोन हमेशा क्यों व्यस्त बताता है.. ?

फोन हमेशा क्यों व्यस्त बताता है ?         मोबाइल फोन का इस्तेमाल आज इतना बढ़ गया है कि लगभग हर घर में यह अनिवार्यरूप से मिल ही जायेगा। इसका मुख्य कारण है भाग - दौड़ भरी जिंदगी। इसीलिए मोबाईल तो अनिवार्य रूप से आज के समय में चाहिए ही चाहिए। ऐसे में मोबाइल का से बात न हो पाना मोबाईल के उपयोग का मतलब ही नहीं रह जाता है  ।  अगर बार - बार यानी किसी  भी समय जब काॅल करते हैं और हर बार व्यस्त बता रहा है तो संभव है कि आपका नंबर ब्लाॅक  किया गया है। चलिए इसके बारे में जानते हैं कि विस्तार से ।  मोबाइल क्यों हमेशा व्यस्त बताता है इसके कई कारण होते हैं जो निम्नलिखित हैं -   नम्बर ब्लाॅक किया गया हो सकता है। नेटवर्किंग समस्या  नम्बर ब्लाॅक 🚫 होना क्या है ? मोबाइल नम्बर ब्लाॅक होने का मतलब यह है कि अगर आपका नम्बर किसी कारण से ब्लाॅक हो गया है या किसी ने जानबूझकर आपके नम्बर को ब्लॉक कर दिया है तो आप चाहे जितनी बार भी उस नम्बर पर कॉल  (  call  ) कर लो पर काॅल हमेशा व्यस्त  📞  ( Busy  ) ही बतायेगा। आपको फोन पे Ring ( घण्टी   ) बजते हुए सुनाई देगी पर जिस नम्बर पर आप फोन /
Disclaimer | Privacy Policy | About | Contact | Sitemap | Back To Top ↑
© 2017-2022 Possibilityplus