Ukren me kaise success hua mission Ganga

   Ukren में कैसे सफल हुआ मिशन गंगा


    आज पुरी दुनियाँ रुस-यूक्रेन  युद्ध की तरफ देख रही है। इन दोनों देशों के बीच घमासान युद्ध हो रहा है ऐसे में जो बाहरी लोग यूक्रेन में हैं वह अपनी जान बचाने के लिए अपने-अपने वतन ( देश ) जाना चाहते हैं। ऐसे में बहुत बड़ी बात होती है कि जब दो देशों के बीच युद्ध हो रहा है तो तिसरे देश जैसे भारत और पाकिस्तान के लोगों को वहाँ से निकालना बहुत मुश्किल हो सकता था पर भारत सरकार की कोशिशों और कुशलता का सबसे बड़ा प्रमाण है मिशन गंगा  ।
  भारत सरकार या मोदी सरकार अपने देश के नागरिकों की सुरक्षा के प्रति सतर्क है और यही वजह है कि इनकी सरकार ने युद्ध शुरू होते ही अपने देश के लोगों को निकलवाने का मिशन शुरू कर दिया है जिसे  मिशन गंगा   नाम दिया गया।

` मिशन गंगा' को सफल निम्नलिखित तरिकों से बनाया गया - 
  1. प्रधानमंत्री मोदी की पुतिन से बातचीत । 
  2. आपरेशन गंगा के लिए मंत्रियों को कई देशों में भेजा। 
  3. रुस ने भारतीयों को निकालने के लिए समय दिया। 
  4. मिशन का असर 20 हजार से ज्यादा भारतीयों की वतन वापसी। 
  5. रूस ने भारतीयों के लिए 130 बसों का रेला लगाया। 
  6. बेलगोरोद (यूक्रेन) में भारतीयों के लिए डाक्टरों और दवाईयों का इंतजाम। 
  7. भारत के लिए लगभग 50 फ्लाइटों की सफल उड़ाने 




    प्रधानमंत्री मोदी की पुतिन से बातचीत 

      भारत के वर्तमान प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी * ने पुतिन से फोन पर दो बार बातचीत की जिसमें भारतीयों को सही सलामत भारत छोड़ने के लिए कहा गया । बातचीत का असर देखने को मिला। बातचीत के बाद रूस के राष्ट्रपति पुतिन का पुरा नाम ब्लादिमीर पुतीन है पुतिन ने 130 बसों का रेला भारतीयों को सही सलामत भारत लाने के लिए लगा दिया। इस तरह लगभग 20 हजार भारतीय लोगों को यूक्रेन से भारत लाये जा चुके हैं।।


  मोदी जी ने मंत्रियों को इन देशों में भेजा

     किसी देश का राष्ट्रपति या प्रधानमंत्री अगर प्रभावी होगा तो ऐसे हालात में तुरंत कोई प्रभावी कदम जरुर उठाएगा। यह बात भारत के प्रधानमंत्री में देखी जा रही है और इसी का प्रमाण है कि प्रधानमंत्री मोदी ने एक मिशन बनाया जिसका नाम मिशन गंगा रखा है जिसको तेज और प्रभावी बनाने के लिए उन्होंने अपने चार मंत्रियों को पोलैंड, रोमानियाँ, हंगरी, स्लोवाकिया  और मोलडोवा भेजा। इस कार्य का सार्थक प्रभाव देखने को मिला और भारतीय ही नहीं बल्कि यूक्रेन में फंसे पाकिस्तान के लोग भी भारत इस कदम से लाभान्वित हुए।


यूक्रेन में दिखा भारतीय झंडे का दम  

     कहते हैं अपने घर में सब शेर होतें हैं पर असली शेर वही है जो घर के बाहर भी दहाड़े। यूक्रेन और रुस के बीच हो रहे युद्ध में भारत ही नहीं बल्कि पाकिस्तान के लोग भी भारत के झंडे को दिखा कर बड़ी आसानी से वहाँ से निकलकर आ रहे हैं । दरअसल पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने अपने वतन के लोगो के लिए ऐसा कुछ नहीं किया जिससे कि पाकिस्तानी लोगों को मदत मिल सके और यही वजह है कि पाकिस्तान के लोग या छात्र / छात्राओं को मजबूरन ऐसा करना पड़ा है। हम जानते हैं कि यूक्रेन - रुस युद्ध को शुरू हुए एक सप्ताह से अधिक दिन हो चुके हैं ऐसे में लगभग 20 हजार भारतीयों को भारत लाया जा चुका है। यह सब भारत सरकार और  तिरंगे   के दम को दर्शाता है जो दुसरे देशों में भी कायम होता हुआ दिखाई दे रहा है। 


 भारत के लिए इतनी फ्लाइटें आयीं

      भारत की नितियाँ इतनी साफ है कि दोनों देशों (यूक्रेन - रुस) में हो रहे हैं युद्ध पर दोनों देशों की आर्मी ने भारतीय छात्रों को बड़ी विनम्रता के साथ रास्ता दिया जा रहा है । दोनों देशों के सहयोग का कारण भारत के प्रधानमंत्री जी हैं जिन्होंने दोनों देशों के हित में बात की थी। ना की किसी एक देश के पक्ष में जिसका नतीजा हमें देखने को मिला और लगभग 50 हवाई जहाज यूक्रेन से भारत के लिए रवाना हो चुके हैं।

   तो इस तरह से यूक्रेन से भारतीयों को निकालने के लिए 'मिशन गंगा' को बनाया गया और किस तरह से सफल बनाया गया। आपको क्या लगता है भारत पहले से कहीं ज्यादा सक्षम है या नहीं। कमेंट जरुर करें धन्यवाद 

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