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आकाशीय बिजली से बचने का ये तरीका 100% काम करेगा और खर्चा एक रुपये का नहीं

   
क्या आप भी आकाशीय बिजली से डरते हैं और यह सोचते हैं कि 🤔 काश कोई तरिका ऐसा हो जो हमें आकाशीय बिजली से एकदम सुरक्षित रखें। हम सब यह बात जानते हैं कि आकाशीय बिजली बहुत ही खतरनाक होती है क्योंकि यह बड़े-बड़े बादलों के घर्षण से उत्पन्न होती है जिसमें बहुत अधिक पावर होती है। आकाशीय बिजली से हर वर्ष सैकड़ों - हजारों की तादाद में लोग अपनी जान गवाँ देते हैं। इस आर्टिकल के माध्यम से हम ऐसे - ऐसे तरिकों के बारे में जानेंगे जो हमें आकाशीय बिजली से बचाने में मदत करेगें ।


पेड़ पर बिजली का गिरना



आकाशीय बिजली से बचने के लिए हमें सबसे पहले ये जानना चाहिए कि आखिरकार ये बिजली कब, कहाँ और क्यों गिरती है। तब हमारे लिए और ज्यादा आसान हो जायेगा इससे बचने के लिए क्या करना है । आइए आगे पढ़ते हैं >>>


  बिजली कब गिरती है

             आकाश से बिजली बारीश के दौरान ही गिरती है ये बात सभी जानते हैं। पर हमने यह भी देखा होगा कि हर बारीश में बिजली नहीं गिरती है। इसका मतलब यह है कि सिर्फ बारिश ही नहीं जरूरी होती है बिजली गिरने के लिए बल्कि कुछ विशेष कारण भी इसके लिए जिम्मेदार है। वो क्या 🙄 है यही जानना है। चलिए जानते हैं। >>>

  जब बादल ⛈️ पृथ्वी 🌏के काफी करीब होते हैं और हल्की या तेज बारिश होती है तो बादलों के घर्षण से विधुत उत्पन्न होती है। अगर घर्षण बहुत तेजी से हो तो विधुत भी एकाएक अधिक मात्रा में उत्पन्न होती है, चुकीं बादल भी पृथ्वी के काफी करीब है तो ऐसे में बिजली गिरने के काफी ज्यादा संभावना बढ़ जाती है। 



   ⛈️बिजली कहाँ गिरती है 

              बिजली कहाँ गिरेगी और कहाँ नहीं विज्ञान इसको बता सकता है यानी हम आसानी से अंदाजा लगा सकते हैं। बिजली वहीं पर गिरती है जहाँ उसे गिरने के लिए या जाने के लिए सबसे आसान रास्ता मिल सके। इसे वैज्ञानिक भाषा में ऐसे कहेंगे कि आकाशीय बिजली वहीं गिरती है जहाँ बादल और उस वस्तु के बीच विभव में अच्छा - खासा अंतर होगा या जहाँ विभवान्तर अधिक या पर्याप्त हो। इसको अच्छी तरह से समझने के लिए हमें पानी 🏄‍♂️ की सहायता लेनी होगी क्योंकि हर कोई विभव और विभवान्तर के बारे में नहीं जानता है।
हम यह बात तो जानते ही होंगे कि पानी उस तरफ ही जाता है जिधर इसे जाने में कोई परेशानी न हो कहने का मतलब यह है कि पानी ऊँचे स्थान से निचे स्थान की ओर जाता है। ऐसा नहीं है कि कहीं भी यह जाने लगे। बिल्कुल इसी तरह से बिजली भी उसी मार्ग से होती हुई जाती है जिधर कम विभव हो अथवा उँचे विभव से निचे विभव की तरफ जाती है।

    बहुत से लोग कहते हैं कि आकाशीय बिजली पक्षी, जानवरों या साफ को मारती है। क्या यह बात आपको सच लग रही है क्या बिजली की इनसे कोई दुश्मनी है जो ऐसा करेगी। दरअसल बात यह है कि बिजली हर उस व्यक्ति वस्तु या जानवर को मारेगी जो इसके संपर्क में आयेगा। बिजली निम्नलिखित वस्तुओं पर गिरती है -

  • किसी खंभे पर
  • पतले तथा लंबे पेड़ पर
  • ऊँची ईमारतों पर
  • टावरों पर


    खंभे पर आकाशीय बिजली का गिरना

          
   
High tension pole

     आपने यह जरूर सुना होगा कि तड़ित विधुत किसी खंभे पर गिरी और उसके तारों में हाई वोल्टेज करंट दौड़ गया जिससे किसी का टी.वी. तो किसी का पंखा, बल्ब इत्यादि सभी बुरी तरह से जल गये। अब अगर आपके मन में यह सवाल आया होगा कि तब तो हाईटेंशन लाईन  वाले खंभे पर भी यह बिजली गिरती होगी। बिल्कुल गिरती है पर कोई नुकसान नहीं होता है क्योंकि इसके सबसे ऊपरी हिस्से पर अर्थ वाली मोटी छड़ें लगायी जाती है जिससे सारी आकाशीय बिजली इससे होकर अर्थ यानी पृथ्वी में चली जाये।



   पतले तथा लंबे पेड़ पर बिजली का गिरना

       आकाशीय बिजली के गिरने की संभावना पतले और लंबे पेड़ पर अधिक होती है क्योंकि जो वस्तु आवेशित बादल से जितनी नजदीक होगी उसमें उतना ही अधिक विभवान्तर होगा जो विधुत के लिए सबसे सरल रास्ता होता है। 

सूत्र - V = ( q / 4πre0) वोल्ट 

इस सूत्र में r ज्यादा मैटर करता है या महत्वपूर्ण है विभवान्तर को समझने के लिए। 
 हम देख रहे हैं कि r = किसी आवेश और बिंदु के बीच दूरी है जिसका साफ मतलब है कि दूरी जितनी कम होगी विभवान्तर उतना ही अधिक होगा। इसलिए लंबे तथा पतले पेड़ों के निचे बारिश में नहीं छूपना चाहिए। क्योंकि जो वस्तु जितनी अधिक लंबी या ऊँची होगी तो वह बादल से उतनी ही करीब होगी। इसलिए सूत्र के अनुसार इनके मध्य विभवान्तर भी अधिक होगा फलस्वरुप बिजली ऐसी ही वस्तु पर पहले गिरेगी। 


  ऊँची ईमारतों पर बिजली का गिरना 

    बड़े-बड़े महानगरों में एक से एक ऊँची - ऊँची इमारतें बनाई जाती है। हम जानते हैं कि जब इन ऊँची ईमारतों के ऊपर से आवेशित बादल जाते हैं तो इमारत आवेशित नहीं होती है जिससे बादल और ईमारत के बीच अच्छा खासा विभव में अंतर होता है जिससे बादल का आवेश ईमारत पर एकाएक आ जाते हैं। अगर ईमारत के ऊपरी भाग पर कोई भूसंपर्कित छड़ ना हो तो ईमारत छतीग्रस्त हो जायेगी।




        टावरों पर तड़ित विधुत का गिरना

               जिस प्रकार से ऊँची - ऊँची ईमारतो पर आकाशीय बिजली गिरती है बिल्कुल उसी प्रकार टावरों के ऊपर भी तड़ित विधुत या आकाशीय बिजली से बचने के लिए इसके एकदम ऊपरी सिरे को ऐसे भूसंपर्कित करते हैं कि ये टावर पर कहीं भी ना स्पर्श करें। और बिजली गिरे तो पृथ्वी में चली जाए।


 आकाशीय बिजली से बचने के उपाय

     आकाशीय बिजली से बचने के उपाय यही है कि जहाँ - जहाँ बिजली गिरने की सबसे ज्यादा संभावना (possiblity) वहाँ जाने से परहेज करें। आकाशीय बिजली से बचने के निम्नलिखित उपाय -
  • बारिश के दौरान लंबे और पतले पेड़ के नीचे शरण ना लें।
  • किसी भी ऊंचे खंभे या टावर के पास न जाएँ 
  • घर में रहना सबसे सुरक्षित होता है। 
  • अगर किसी गाड़ी के अंदर हैं तो सभी शीशे बंद कर लें और बाहर न निकलें।
  • जब बिजली कड़के तो बहुत जरूरी हो तभी बाहर निकलें।
  • जब बिजली तेज़ कड़क रही हो और आप खुले में खड़े हैं तो बैठ जाना चाहिए।
  • बिजली की कड़कड़ाहत में फोन या मोबाइल पर बात न करें। 
  • हाईटेंशन खंभे के अगल - बगल ना रूकें। 
  • बारिश के दौरान किसी भी पेड़ या खंभे पर ना चढ़े। 
  • बारिश के दौरान टी.वी का भी इस्तेमाल ना करें।
  • अगर आपके घर की ऊँचाई ज्यादा है तो सबसे ऊपरी छत के चारों ओर लोहे की छड़ लगानी चाहिए।
  • मंदिरों के ऊपरी सिरे पर त्रिशूल या छड़ जरुर लगायें।
  • लोहे की छड़ या फावड़े का इस्तेमाल बारिश में ना करें।
  • बारिश के समय बाहर लाइन /बिजली रिपेयर का काम करने से बचें।
  • बारिश में बड़े जानवरों(हाथी, घोड़े आदि) की सवारी न करें।

  
    हमनें इस पोस्ट में लगभग उन सभी सावधानियों को आपके सामने रखा है जिससे किसी के भी साथ कोई दूर्घटना ना हो। हमने बिजली गिरने के कारणों के बारे में भी समझाने की कोशिश की है जिससे समझकर अपनेआप या दूसरों की रक्षा की जा सके।
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