रात - दिन क्यों और किस कारण से होते हैं

 दुनियाँ में हर सवाल का जवाब मिलना इस बात पर निर्भर करता है कि हम उस सवाल को कितना ढूंढते हैं। यही कारण है कि हम जिस सवाल को ढूँढते वही मिलता है। ऐसा ही एक सवाल है कि आखिर " रात-दिन " क्यों होता है। आईए इस सवाल का जवाब आसान शब्दों में जानने की कोशिश करते हैं।

 इस आर्टिकल में हम निम्नलिखित बातें जानेंगे -  

  1.  रात और दिन क्यों होते हैं  ? 
  2.  रात-दिन होने की असली वजह 
  3.  एकही समय में कहीं दिन तो कहीं रात ऐसा क्यों ? 
  4.  ऐसी जगहें जहाँ चौबिसों घंटे रात होती है 
  5.  ऐसी जगहें जहाँ चौबिसों घंटे दिन होता है 


  रात और दिन क्यों होते हैं 

         रात और दिन होना एक प्राकृतिक घटना है जो अपने आप होती रहती है। जो भी घटना होती है सबमें किसी न किसी विज्ञान का उदाहरण होता है , इसका मतलब यह कि हर घटना को विज्ञान की मदत से समझा जा सकता है । रात-दिन पृथ्वी के अपने अक्ष पर घूमने के कारण होता है। अगर ऐसा जवाब कोई भी दे दे तो क्या हमें पूरी तरह से यह समझ में आयेगा / आया कि असल कारण क्या है । नहीं, नहीं समझ में आयेगा, दरअसल मुख्य कारण हमारे सामने नहीं आता है तब ऐसा होता है। पर इसका मतलब ये नहीं है कि पृथ्वी का घूमना रात और दिन होने की वजह नहीं है पर इसके अलावा कुछ तो है जो हम नहीं जानते हैं। अगर हम उसको जान जायेंगे तो हमें पूरा समझ में आ जायेगा कि हाँ भाई यही वह कारण है जिसके द्वारा ऐसा होता है क्योंकि हमारा दिलोदिमाग चिल्ला -चिल्ला कर यह बोलने लगेगा कि हाँ - हाँ यही सही वजह है जिसके कारण ऐसा होता है। 



रात और दिन होने की असली वजह 

   इसकी असली वजह यह है कि जब पृथ्वी अपना एक चक्कर पुरा करती है तो इसे 24 घंटे लगते हैं और दूसरी तरफ सूर्य अपना प्रकाश 24 घंटे लगातार देता रहता है।  इसी वजह से पृथ्वी पर दिन और रात होते रहते हैं। अब इसको और बारीकी से समझते हैं। तो बात यहाँ पर यह पड़ रही है कि जब पृथ्वी अपने अक्ष या ध्रवों  पर घूमती है तो इस दौरान पृथ्वी का जो भाग सूर्य की तरफ होता है वहाँ दिन और जो भाग इसके विपरीत होता है वहाँ रात होती है । नीचे दिए चित्र में  A और B को देखिए, इसी दोनों बिन्दुओं पर पृथ्वी घूमती है इसे ही अक्ष या ध्रुव कहते हैं। 

Earth globe
चित्र न. 1





 

 एकही समय में कहीं दिन तो कहीं रात ऐसा क्यों 

    क्या आपको पता है कि एकही समय में  भिन्न - भिन्न जगहों पर कहीं रात होती है तो कहीं दिन । दरअसल हम जानते हैं कि पृथ्वी आकार में लगभग गोल है। इसी वजह से धरती का पुरा हिस्सा एकसाथ सूर्य की तरफ नहीं जा पाता है अत: यही कारण है कि एकही समय में अलग  - अलग जगह कहीं रात होती है तो कहीं दिन। नीचे दिए गए चित्र को देखिए - 


दिन - रात का होना
चित्र न. 2

उदाहरण के तौर पर सऊदी अरब और भारत के दिनचर्या में लगभग 2.5 घंटे का अंतर है। जैसे - भारत में अगर सूर्यास्त हो रहा है तो 7 बजे हो रहा है तो भारत की घड़ी के अनुसार सऊदी
अरब में साढे नौ ( 9:30 बजे ) सूर्यास्त होगा ,मतलब यह है कि जब भारत में रात होती है तो सऊदी अरब में दिन होता है । तो देखा आपने एकही समय में अलग - अलग स्थान कहीं रात तो कहीं दिन होता है। 




ऐसी जगहें जहाँ चौबिसों घंटे रात होती है 

      पृथ्वी या धरती पर कुछ जगहें ऐसी भी हैं जहाँ चौबिसों घंटे रात ही रात रहती है दिन का नामोनिशान नहीं होता है। ये जगह या यह धरती का वह भाग है जिसे धरती का ध्रुव कहा जाता है। कहने का मतलब है कि धरती जिस दो बिन्दुओं के सहारे घूमती है उसे ध्रुव कहते हैं, तो जो भाग सूर्य की तरफ नहीं होता है वहाँ हमेशा रात ही रहती है। ऊपर दिए गए चित्र न. 1 को देखिए, मान लीजिए बिंदु  A ,सूर्य की तरफ हमेशा रहता है जहाँ हमेशा दिन होता है। दरअसल A और B बिंदु ऐसी जगह है जिसके सहारे पृथ्वी घूमती है जिसका मतलब यह है कि A और B वाले स्थान घूमते हैं पर अपने स्थान से इधर - उधर नहीं होते हैं, इसी कारण से ऐसा होता है। 
 इसके विपरीत बिंदु B वह स्थान है जहाँ कभी भी नहीं सूर्य दिखाई देता है। अत: ऐसे स्थानों पर कभी भी दिन नहीं होता है अगर होता है भी तो कुछ घंटे या दिन ही होते हैं । 


 उदाहरण  - नुनावुत ( कनाडा ) 


    नुनावुत, कनाडा के उत्तर पश्चिमी प्रदेशों में आर्कटिक सर्कल से दो डिग्री ऊपर स्थित है। इस शहर की आबादी लगभग तीन हजार है। 
 इस शहर में साल के करीब दो महीने ही 24 घंटे धूप देखने को मिलती है यानी लगभग दश महीने चौबिसों घंटे रात होती। जबकि सर्दियों के दौरान, इस स्थान पर लगातार 30 दिनों तक अंधेरा भी रहता है। इसके अलावा भी कई जगहें ऐसी हैं जहाँ कई महीने लगातार दिन होते हैं। 

     

ऐसी जगहें जहाँ चौबिसों घंटे दिन होता है 

   जिस प्रकार एक ध्रुव पर हमेशा रात ही रात रहती है उसी प्रकार दूसरे ध्रुव पर सिर्फ दिन होता है और यहाँ पर रात का नामोनिशान नहीं होता है । चित्र  में मान लीजिए बिंदु  A सूर्य की तरफ हमेशा रहता है जहाँ हमेशा दिन होता है इसके विपरीत बिंदु B वह स्थान है जहाँ कभी भी नहीं सूर्य दिखाई देता है। अत: ऐसे स्थानों पर कभी भी दिन नहीं होता है। 

 उदाहरण  

आर्कटिक सर्कल में स्थित नाॅर्वे जिसे मिडनाइट सन के नाम से भी जाना जाता है । यह एक ऐसा देश जहां " मई से जुलाई " के अंत तक सूर्य कभी अस्त नहीं होता है,यानी यहाँ मई और जुलााई को छोड़कर चौबिसों घंटे दिन ही रहता है । यहाँ
सूर्य 76 दिनों तक निकला रहता है। नॉर्वे के स्वालबार्ड में भी सूरज 10 अप्रैल से 23 अगस्त तक ढलता नहीं है। इस स्थान को हम A बिंदु पर मान सकते हैं। ऐसे कई स्थान नार्वे के इर्ध - गिर्ध हैं जहाँ ऐसी ही मिली - जुली घटनाएं होती हैं ।

 


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